डाकघर एनएसएस योजना: केंद्र सरकार ने हाल ही में पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स स्कीम (NSS) को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने घोषणा की है कि इस योजना पर अब 1 अक्टूबर 2024 से ब्याज का भुगतान बंद कर दिया जाएगा। निवेशकों को 30 सितंबर 2024 तक अपनी जमा राशि निकालने का निर्देश दिया गया है। इस फैसले के बाद NSS के तहत जमा किए गए फंड पर आगे कोई ब्याज नहीं मिलेगा। यह बदलाव लंबे समय से चल रही इस लोकप्रिय बचत योजना के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
Post Office NSS Scheme का उद्देश्य
Post Office NSS Scheme (NSS) की शुरुआत 1987 में हुई थी। इसका उद्देश्य नागरिकों को सुरक्षित और भरोसेमंद बचत का विकल्प प्रदान करना था। इस योजना में निवेशकों को चक्रवृद्धि ब्याज (कंपाउंड इंटरेस्ट) का लाभ मिलता था, जो इसे बेहद आकर्षक बनाता था। इसके अतिरिक्त, NSS योजना के तहत जमा राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत कर छूट का भी प्रावधान था। NSS में ₹40,000 तक की वार्षिक जमा राशि की अनुमति थी और इसे 4 साल की लॉक-इन अवधि के बाद निकाला जा सकता था। योजना की शुरुआती ब्याज दर 11% थी, लेकिन बाद में इसे घटाकर 7.5% कर दिया गया।
सरकार ने ब्याज भुगतान क्यों बंद किया?
सरकार ने NSS योजना में ब्याज भुगतान बंद करने का फैसला करते हुए कहा कि यह योजना अब अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर रही है। चूंकि यह योजना 1992 में नए निवेश के लिए बंद कर दी गई थी, केवल पुराने निवेशकों के फंड ही इसमें बने हुए थे। 37 वर्षों से इस योजना में धन बनाए रखने वाले निवेशकों को अब सलाह दी गई है कि वे 30 सितंबर 2024 तक अपना पैसा निकाल लें। इस बदलाव का उद्देश्य वित्तीय नीतियों को व्यवस्थित करना और मौजूदा बचत योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना है।
Post Office NSS Scheme और NSC में अंतर
कई बार लोग NSS और NSC (नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट) को लेकर भ्रमित हो जाते हैं। यह समझना जरूरी है कि ये दोनों अलग-अलग योजनाएँ हैं। NSS योजना 1992 में नए निवेश के लिए बंद कर दी गई थी, जबकि NSC अभी भी चालू है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। NSC एक मौजूदा बचत विकल्प है, जिसमें अभी भी ब्याज का लाभ मिलता है। NSS में जहां चक्रवृद्धि ब्याज का फायदा था, वहीं NSC एक निश्चित अवधि के लिए ब्याज प्रदान करता है।
1 अक्टूबर 2024 के बाद Post Office NSS Scheme का भविष्य
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 1 अक्टूबर 2024 के बाद NSS योजना पर कोई ब्याज नहीं मिल रहा है । हालांकि, जो निवेशक 30 सितंबर 2024 तक अपना पैसा निकाल लेते हैं, उन्हें योजना की मौजूदा ब्याज दर 7.5% का लाभ प्राप्त होगा। इसके बाद योजना में जमा राशि पर केवल मूलधन लौटाया जाएगा।
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निवेशकों को क्या करना चाहिए?
निवेशकों के लिए यह समय है कि वे अपने NSS खाते का जायजा लें और उचित निर्णय लें। सरकार ने सभी खाताधारकों को अपना केवाईसी (KYC) अपडेट कराने का निर्देश दिया है ताकि धन निकासी प्रक्रिया सुगम हो सके। जो लोग NSS के फंड को निकालने में असमर्थ हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे समय पर अपने दस्तावेज़ और प्रक्रिया पूरी कर लें।
Post Office NSS Scheme में नकद निकासी और कर प्रावधान
NSS फंड की निकासी उस वित्तीय वर्ष में टैक्स के अधीन होती है, जब इसे निकाला जाता है। हालांकि, यदि निवेशक फंड नहीं निकालते हैं, तो यह राशि टैक्स-मुक्त बनी रहती है। यदि जमाकर्ता की मृत्यु हो जाती है और उत्तराधिकारी फंड निकालते हैं, तो यह पूरी राशि टैक्स-मुक्त मानी जाती है।
निष्कर्ष
डाकघर एनएसएस योजना (NSS) एक समय में लोकप्रिय बचत योजना थी, जिसने लाखों लोगों को सुरक्षित वित्तीय भविष्य का रास्ता दिखाया। हालांकि, बदलते समय और नीतियों के चलते सरकार ने अब इसे पूरी तरह से बंद करने का निर्णय लिया है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे समय रहते अपने फंड निकालें और अन्य बचत योजनाओं में निवेश के विकल्प तलाशें। NSS का यह बदलाव पुरानी योजनाओं को छोड़ नई नीतियों की ओर बढ़ने का संकेत है, जो भविष्य में निवेशकों को बेहतर अवसर प्रदान कर सकती हैं।
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