रीता सान्याल वेब सीरीज समीक्षा: ‘द केरल स्टोरी’ से प्रसिद्धि पाने वाली अदा शर्मा अपनी नई वेब सीरीज ‘रीता सान्याल’ में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। इस शो में वो एक क्रिमिनल वकील का किरदार निभा रही हैं, जिसका सामना एक मर्डर केस में उसके पुराने दुश्मन ठकराल (राहुल देव) से होता है। शो में कोर्टरूम ड्रामा के साथ व्यक्तिगत प्रतिशोध का भी तड़का है। हालांकि, सीरीज उम्मीदों पर खरा नहीं उतरती और न ही कोई गहरा प्रभाव छोड़ती है। आइए जानें, इस सीरीज की कहानी और इसके बारे में विस्तार से।
Reeta Sanyal Web Series की कहानी
‘रीता सान्याल’ की कहानी हल्के-फुल्के अंदाज में शुरू होती है, जहां वकील रीता (अदा शर्मा) एक अनोखा केस लड़ रही हैं। इस केस में वह एक कुत्ते, रॉकी का बचाव कर रही हैं, जिस पर आरोप है कि उसने एक बाड़ कूदकर चार पिल्लों का पिता बनने का काम किया। इसके बाद, कहानी में एक बड़ा ट्विस्ट आता है जब कोर्ट के बाहर रीता की मुलाकात केशव नामक व्यक्ति से होती है, जिसकी मां पर एक विधायक की हत्या का आरोप है।
केशव दावा करता है कि उसने ‘परफेक्ट मर्डर’ किया है और उसकी मां निर्दोष है। रीता अब इस केस को लड़ने का फैसला करती है। केस लड़ते वक्त उसका सामना एक पुराने प्रतिद्वंदी ठकराल (राहुल देव) से होता है, जो पेशे से वकील है और रीता के पिता की मौत के लिए भी जिम्मेदार है। अब यह लड़ाई सिर्फ कोर्टरूम तक सीमित नहीं रहती, बल्कि निजी दुश्मनी में भी बदल जाती है।
Reeta Sanyal Web Series के मुख्य किरदारों का प्रदर्शन
अदा शर्मा ने मुख्य किरदार में अपनी पूरी कोशिश की है, लेकिन उनकी अदाकारी कहीं-कहीं सतही लगती है। वह कॉमेडी में भी अच्छा करने की कोशिश करती हैं, लेकिन यहां उनकी कोशिशें बेअसर साबित होती हैं। दूसरी ओर, राहुल देव अपने गंभीर और कठोर अंदाज में ठकराल के किरदार को अच्छे से निभाते हैं। हालांकि, उनके किरदार में स्क्रिप्ट की कमजोरी साफ नजर आती है।
नीरीशा बसनेट ने मार्शल आर्ट्स में माहिर एक महिला ‘ज़ी’ का किरदार निभाया है, जिसे केशव को मारने की जिम्मेदारी दी गई है। हालांकि, इस किरदार का अचानक से कहानी में आना दर्शकों को उलझा देता है और यह सस्पेंस के साथ जुड़ने के बजाय कहानी को एक अलग दिशा में ले जाता है।
Reeta Sanyal Web Series की कमजोरियाँ
‘रीता सान्याल’ एक ऐसा शो है, जो कोर्टरूम ड्रामा के जॉनर में खास प्रभाव छोड़ने में नाकामयाब रहता है। कहानी में सस्पेंस और गंभीरता की कमी है। सीरीज के पहले ही सीन से यह साफ हो जाता है कि यह कहानी कानूनी प्रक्रिया को हल्के में लेती है। सीरीज में कॉमेडी और मनोरंजन पर ज्यादा फोकस किया गया है, जबकि कोर्टरूम ड्रामा में जिस प्रकार की गंभीरता और थ्रिल की उम्मीद होती है, वह गायब है।
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रीता का सरनेम ‘सान्याल’ होने के बावजूद, किरदार में बंगाली संस्कृति का कोई झलक नहीं दिखाई देती। किरदार का नाम और उसकी पृष्ठभूमि का कोई मेल नहीं है, जिससे कहानी में एक बड़ा डिस्कनेक्ट महसूस होता है।
निर्माताओं की कोशिश
‘रीता सान्याल’ की कहानी आमिर खान के उपन्यास ‘रीता सान्याल के मुकदमे’ पर आधारित है, और निर्माताओं ने इसे कोर्टरूम ड्रामा के जॉनर में एक नए चेहरे के तौर पर पेश करने की कोशिश की है। हालांकि, इस शो में वह गहराई और गंभीरता नहीं दिखती, जिसकी उम्मीद दर्शक इस तरह के ड्रामे से करते हैं।
यह सीरीज मनोरंजन के लिए बनाई गई है, लेकिन इसमें जो सस्पेंस और थ्रिल हो सकता था, उसे बेहतर तरीके से प्रस्तुत करने की आवश्यकता थी। कहानी के प्लॉट में कई कमजोरियां हैं, जो दर्शकों को निराश कर सकती हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, ‘रीता सान्याल वेब सीरीज‘ एक हल्की-फुल्की मनोरंजन वाली वेब सीरीज है, जो कोर्टरूम ड्रामा के जॉनर में कुछ नया करने की कोशिश करती है, लेकिन पूरी तरह सफल नहीं हो पाती। यह शो उस गंभीरता और सस्पेंस को हासिल नहीं कर पाता, जो दर्शकों को इसके साथ जोड़े रख सके। अगर आप केवल हल्के मनोरंजन की तलाश में हैं, तो आप इसे देख सकते हैं, लेकिन जो दर्शक गंभीर कोर्टरूम ड्रामा और सस्पेंस की उम्मीद कर रहे हैं, उन्हें यह शो निराश कर सकता है।
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