सरसों के तेल के फायदे: आज के समय में जब बाजार में कई प्रकार के कुकिंग ऑयल उपलब्ध हैं, सरसों का तेल अब भी भारतीय रसोई में एक खास स्थान रखता है। उत्तर भारत में इसका उपयोग न केवल स्वाद और पोषण के लिए किया जाता है, बल्कि यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। आइए जानते हैं कि सरसों का तेल किस प्रकार हृदय और शरीर के अन्य अंगों के लिए लाभकारी हो सकता है।
भारत में सरसों का तेल (Mustard Oil) का महत्व
भारत में सरसों का तेल हजारों सालों से कुकिंग के लिए इस्तेमाल होता आ रहा है। रिसर्च के अनुसार, हर साल भारत में 2.3 मिलियन मीट्रिक टन सरसों तेल की खपत होती है, जो कुल खाद्य तेल बाजार का लगभग 30% हिस्सा है। उत्तर भारत, पूर्वोत्तर और पूर्वी भारत में इसका अधिक प्रयोग होता है। इसकी लोकप्रियता का मुख्य कारण इसके औषधीय गुण और हृदय स्वास्थ्य के लिए इसके लाभ हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, सरसों का तेल शरीर की सूजन को कम करने और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने में मदद करता है।
सरसों के तेल (Mustard Oil) के औषधीय गुण
सरसों का तेल मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम कर, गुड कोलेस्ट्रॉल (HDL) को बढ़ाने में मदद करता है। यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याओं से बचाव करने में सहायक होता है।
सरसों का तेल (Mustard Oil) कैसे सुधारता है हृदय स्वास्थ्य?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ द्वारा की गई रिसर्च में पाया गया है कि सरसों का तेल हृदय स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड शरीर में ट्राइग्लिसराइड, रक्तचाप और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। इससे हृदय रोगों के खतरे को कम किया जा सकता है। सरसों के तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करते हैं और ब्लड सर्कुलेशन को सुधारते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में सहायक
सरसों का तेल शरीर में गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाता है और बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इससे हेल्दी लिपिड प्रोफाइल बनता है, जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक से बचाव में मदद करता है। इसके सेवन से शरीर में फैट्स का बैलेंस बना रहता है और मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है।
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प्लाक जमने से रोकता है
सरसों के तेल में मौजूद हेल्दी फैट्स आर्टरीज़ में प्लाक जमने की समस्या को हल करते हैं। यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करके हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है। इसके अलावा, इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन्स शरीर को मजबूत बनाते हैं और हृदय को स्वस्थ रखते हैं।
मेटाबॉलिज्म को करता है बूस्ट
ब्रिटिश जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन की रिपोर्ट के अनुसार, सरसों के तेल में पके हुए भोजन से भूख को नियंत्रित किया जा सकता है और शरीर में अतिरिक्त कैलोरी जमा नहीं होती। इससे मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे मोटापा कम करने में मदद मिलती है। वजन घटने से हृदय रोगों का जोखिम भी कम होता है और शरीर स्वस्थ रहता है।
सरसों का तेल (Mustard Oil) और सूजन कम करने की क्षमता
सरसों का तेल शरीर में सूजन को कम करने में भी कारगर है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर में सूजन और दर्द को कम करते हैं और जोड़ों के दर्द में राहत दिलाते हैं। यह तेल ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे शरीर के अंगों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर होती है।
निष्कर्ष
सरसों का तेल न केवल भारतीय रसोई का एक पारंपरिक हिस्सा है, बल्कि यह हृदय स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी है। इसके नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है, मेटाबॉलिज्म सुधरता है, और सूजन कम होती है। इसलिए, अगर आप एक हेल्दी और सुरक्षित कुकिंग ऑयल की तलाश में हैं, तो सरसों का तेल आपके लिए एक विश्वसनीय विकल्प हो सकता है।
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