कॉलेज लड़कों को उसकी औकात दिखाने आया नया दमदार Yamaha Rajdoot 350 की शानदार बाइक 

कॉलेज लड़कों को उसकी औकात दिखाने आया नया दमदार Yamaha Rajdoot 350 की शानदार बाइक 


जब भी भारतीय मोटरसाइकिल के इतिहास की बात होती है, तो Yamaha Rajdoot 350 का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। इस बाइक ने 1980 और 1990 के दशक में युवाओं के दिलों पर राज किया और अपने समय में एक पावरफुल, स्टाइलिश, और आइकॉनिक बाइक के रूप में उभरी। Rajdoot 350, जिसे Yamaha RD 350 के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय सड़कों पर ऐसी पहली बाइक थी, जिसने रेसिंग स्पीड और दमदार परफॉर्मेंस का नया स्टैंडर्ड सेट किया।

यामाहा राजदूत 350 डिज़ाइन

Rajdoot 350 का डिज़ाइन उस समय की अन्य बाइकों से बिल्कुल अलग और आकर्षक था। इसका मस्कुलर और स्पोर्टी लुक इसे भीड़ से अलग करता था। इसमें एक लंबा और स्लीक फ्यूल टैंक दिया गया था, जो बाइक को एयरोडायनामिक लुक देता था। बाइक के दोनों तरफ “Rajdoot 350” की ब्रांडिंग इसे और भी स्पेशल बनाती थी। इसकी ड्यूल एग्जॉस्ट पाइप्स इसे और भी दमदार लुक देते थे। Rajdoot 350 एक मजबूत और भारी बाइक थी, लेकिन इसका लुक इतना आकर्षक था कि यह युवाओं के बीच स्टाइल और पावर का प्रतीक बन गई थी।

यामाहा राजदूत 350
यामाहा राजदूत 350

यामाहा राजदूत 350 इंजन

Rajdoot 350 अपने समय की सबसे पावरफुल बाइक मानी जाती थी। इसमें 347cc का ट्विन-सिलेंडर, एयर-कूल्ड, 2-स्ट्रोक इंजन दिया गया था, जो 30.5 बीएचपी की पावर और 32.3 एनएम का टॉर्क जनरेट करता था। उस समय यह पावर आउटपुट भारत में किसी भी बाइक के लिए अनसुना था, और यही वजह थी कि Rajdoot 350 को “रेसिंग डेवलपमेंट” (RD) बाइक भी कहा जाता था। Rajdoot 350 की टॉप स्पीड लगभग 130 किमी/घंटा तक पहुंच सकती थी, जो उस समय के लिहाज से काफी ज्यादा थी। इसकी तेज एक्सेलरेशन और स्मूथ गियर ट्रांसमिशन इसे युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय बनाते थे। हालांकि, इस बाइक को संभालना आसान नहीं था, क्योंकि इसमें काफी पावर थी और इसे चलाने के लिए ड्राइवर को अनुभव और संतुलन की जरूरत थी।

YAMAHA राजदूत 350 रेडिंग

Rajdoot 350 की राइड क्वालिटी भी इसके समय की दूसरी बाइकों से काफी बेहतर थी। इसमें डबल क्रैडल फ्रेम दिया गया था, जो इसे एक मजबूत और संतुलित बाइक बनाता था। इसके आगे और पीछे की सस्पेंशन सिस्टम काफी अच्छा था, जिससे खराब सड़कों पर भी राइडर को ज्यादा झटके महसूस नहीं होते थे।

हालांकि, इस बाइक का वजन लगभग 155 किलोग्राम था, जो इसे भारी बनाता था, लेकिन इसकी मजबूत बिल्ड क्वालिटी और बेहतरीन सस्पेंशन इसे आरामदायक राइडिंग अनुभव प्रदान करती थी। Rajdoot 350 के ब्रेकिंग सिस्टम में आगे और पीछे दोनों तरफ ड्रम ब्रेक्स दिए गए थे, जो उस समय के हिसाब से पर्याप्त माने जाते थे।

यामाहा राजदूत 350 का माइलेज

Rajdoot 350 की सबसे बड़ी चुनौती इसका फ्यूल एफिशिएंसी थी। चूंकि यह एक पावरफुल बाइक थी और इसमें 2-स्ट्रोक इंजन था, इसलिए इसका माइलेज बहुत कम था। यह बाइक औसतन 20-25 किमी/लीटर का माइलेज देती थी, जो आज के स्टैंडर्ड्स के हिसाब से काफी कम है। लेकिन उस समय के युवाओं के लिए इसकी पावर और स्पीड माइलेज से ज्यादा महत्वपूर्ण थी।

यामाहा राजदूत 350 सुरक्षा

Rajdoot 350 के समय में सेफ्टी फीचर्स उतने एडवांस नहीं थे, जितने आज की बाइक्स में होते हैं। इस बाइक में ड्रम ब्रेक्स के अलावा कोई खास सेफ्टी फीचर्स नहीं थे। हालांकि, इसकी मजबूत बिल्ड क्वालिटी और भारी फ्रेम इसे सुरक्षित बनाते थे। इस बाइक की तेज रफ्तार के चलते इसे संभालने के लिए राइडर को अच्छी ड्राइविंग स्किल्स की जरूरत होती थी।

यामाहा राजदूत 350 कीमत

जब यह बाइक बिक्री के लिए उपलब्ध थी, तब इसकी कीमत लगभग ₹15,000 – ₹20,000 (1980 के दशक में) के बीच हुआ करती थी। अगर आप आज के समय में Yamaha Rajdoot 350 खरीदना चाहते हैं, तो आपको इसे सेकेंड-हैंड बाइक के रूप में प्राप्त करना होगा। सेकेंड-हैंड मार्केट में इसकी कीमत बाइक की स्थिति, साल, और मॉडिफिकेशन के आधार पर भिन्न हो सकती है, और यह कीमत ₹1 लाख – ₹2 लाख तक भी जा सकती है, क्योंकि यह अब एक रेट्रो और कलेक्टर आइटम बन चुकी है।

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