बातचीत पाठ के लेखक बालकृष्ण भट्ट जी हैं जिनका जन्म 23 जून 1844 को हुआ था बालकृष्ण भट्ट जी का निधन 20 जुलाई 1914 को हुआ था बालकृष्ण भट्ट जी का निवास स्थान इलाहाबाद का उत्तर प्रदेश है इस आर्टिकल में कक्षा 12वीं हिंदी का बातचीत पाठ का संपूर्ण हिंदी में सारांश लेखक परिचय इसके साथ बालकृष्ण भट्ट जी की सभी रचनाएं के बारे में विस्तार से बिल्कुल सरल भाषा में बालकृष्ण भट्ट जी के बारे में बताया गया है 12वीं कक्षा की विद्यार्थी बातचीत पाठ को पढ़कर इन सभी बातों को जान सकते हैं कि आखिर बातचीत करने का उत्तम तरीका क्या है बातचीत क्यों जरूरी है इन सभी जानकारी को इस आर्टिकल में विस्तार से समझाया गया है जिससे आप पढ़ सकते हैं।
बातचीत बालकृष्ण भट्ट जीवन परिचय?
12th Hindi Batchit Balkrishna Bhatt Summary in Hindi : बातचीत पाठ के लेखक बालकृष्ण भट्ट जी हैं इनका निवास स्थान इलाहाबाद के उत्तर प्रदेश हैं बालकृष्ण भट्ट जी का जन्म 23 जून 1844 को हुआ था इनका निधन 20 जुलाई 1914 को हुआ था बालकृष्ण भट्ट जी के माता का नाम पार्वती देवी और पिता का नाम बेनी प्रसाद भट्ट था बालकृष्ण भट्ट जी के पिता एक व्यापारी थे और बालकृष्ण भट्ट का माता एक सु संस्कृत महिला थी जिन्होंने बालकृष्ण भट्ट के मन में अध्ययन की रुचि एवं लालसा जगाई। बालकृष्ण भट्ट ने प्रारंभ में संस्कृत का अध्ययन 1867 में प्रज्ञा की मिशन स्कूल से एंट्रेंस की परीक्षा दी 1869 से 1875 तक बालकृष्ण भट्ट जी प्रयाग के मिशन स्कूल में अध्ययन किया 1885 के प्रज्ञा के कव स्कूल में संस्कृत का भी अध्ययन किया इसके बाद 1888 में प्रज्ञा की कायस्थ पाठशाला इंटर स्कूल में अध्यापक नियुक्त किया किंतु उग्र स्वभाव के कारण इन्हें नौकरी भी छोड़नी पड़ी और फिर नौकरी छोड़ने की बात लेखन कार्य पर ही निर्भर रहे बालकृष्ण भट्ट जी की कई रचनात्मक सक्रियता भी है भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रेरणा से हिंदी वृद्धि सभा प्रज्ञा की ओर से 1877 में हिंदी प्रदीप नामक मासिक पत्र निकालना भी प्रारंभ किया और फिर 33 वर्ष तक चलते रहे फिर नियमित रूप से सामाजिक साहित्य नैतिक राजनीतिक विषयों पर भी निबंध लिखते रहें और फिर 1881 में वेदों की युक्ति पूर्ण समीक्षा की और 1886 में लाला श्रीनिवास दास के संयुक्त स्वयंवर की कठोर आलोचना भी की बालकृष्ण भट्ट जी की कई रचनाएं भी हैंरसातल यात्रा उचित दक्षिण हमारी घड़ी सदाबहार का भाव और इनका नाटक भी पद्मावती, किरातार्जुनीयम्, बनी सहारा शिशुपाल वध नल दमयंती, दमयंती स्वयंवर, शिक्षा दान, चंद्रसेन सीता वनवास पतित पंचम मेघनाथ कट्टर सम नकल बिना इंग्लैंड ईश्वरी और भारत जननी भारत और कई दो दूरदेशी एक रोगी और एक बात रेल का विकेट खेल, बाल विवाह, जैसे कई महत्वपूर्ण नाटक भी है प्रश्न की बात किया जाए तो जैसा काम वैसा परिणाम नई रोशनी का भी अचार भिंड वन आदि 1000 के आसपास निबंध 100 से ऊपर बहुत ही महत्वपूर्ण भट्ट निबंध माला नाम से दो करो में एक संग्रह प्रकाशित है बालकृष्ण भट्ट हिंदी गद्य के आदि निर्माता और उपन्यास रचनाकारों में एक है बालकृष्ण भट्ट भारतेंदु युग के प्रमुख साहित्यकारों में से एक हैं और वह प्रारंभिक युग के प्रमुख और महान पत्रकार निबंधकार तथा हिंदी के आधुनिक आलोचना के परिवर्तकों में अग्रणय है व्यक्तित्व और लेखन से एक नवीन धरातल नवीन दिशा और नया रूप और मानस दिया बालकृष्ण भट्ट जी एक गद्दार थे इस तरह बालकृष्ण भट्ट जी का जीवन परिचय है आगे बालकृष्ण भट्ट के बारे में और भी जानकारी पढ़िए।
बालकृष्ण भट्ट जी की रचनाएं कौन-कौन हैं?
यदि आप बालकृष्ण भट्ट जी की रचनाएं जानना चाहते हैं तो सबसे पहले बातचीत पाठ के लेखक कौन है यह जानिए बातचीत पाठ के लेखक बालकृष्ण भट्ट जी हैं।
उपन्यास – बालकृष्ण भट्ट जी का रचनाएं उपन्यास रहस्य कथा, नूतन ब्रह्मचारी, सौ अजान एक सुजान, गुप्त वेरी रसातल यात्रा उचित दक्षिण हमारी घड़ी सदभाव भाव का अभाव।
नाटक : बालकृष्ण भट्ट जी का नाटक पद्मावती किरातार्जुनीय, वाणी शहर शिशुपाल वध नल दमयंती शिक्षा दान चंद्रसेन सीता वनवास पतित पंचम मेघनाथ वध कट्टर सॉन्ग की एक नल गृह नाल इंग्लैंड ईश्वरी और भारत जननी भारतवर्ष और काली दो दूरदेशी एक रोगी और एक वेद रेल का विकेट खेल बाल विवाह आदि जैसे प्रश्न जैसा काम वैसा परिणाम नई रोशनी का विश्व आचार्य वृंदावन आदि 1000 के आसपास निबंध लिखे हैं जिनमें से लगभग 100 से ऊपर बहुत महत्वपूर्ण भट्ट निबंध माला नाम से दो करो में एक संग्रह प्रकाशित है बालकृष्ण भट्ट की आधुनिक हिंदी गद्य के आदि निर्माता और उपनायक रचनाकारों में एक है बालकृष्ण भारतेंदु युग के प्रमुख साहित्यकारों में से एक है वह हिंदी के प्रारंभिक युग के प्रमुख और महान पत्रकार निबंधकार तथा हिंदी की आधुनिक आलोचना के प्रवर्तकों में अग्रणय है।
(बातचीत) बालकृष्ण भट्ट संक्षिप्त में सारांश हिन्दी
बातचीत पाठ के लेखक बालकृष्ण भट्ट जी हैं बातचीत पाठ का संक्षिप्त में सारांश इस आर्टिकल के नीचे बताया गया है जहां से आप संक्षिप्त में बातचीत पाठ के बारे में पढ़ सकते हैं बातचीत पाठ के लेखक बालकृष्ण भट्ट जी हैं इनका जन्म 23 जून 1844 को हुआ था बालकृष्ण भट्ट जी का निधन 20 जुलाई 1914 को हुआ था ओ बालकृष्ण भट्ट का निवास स्थान इलाहाबाद उत्तर प्रदेश एवरेस्ट मटका माता का नाम पार्वती देवी एवं पिता का नाम बेनी प्रसाद भट्ट था पिता एक व्यापारी थे और माता एक सु संस्कृत महिला जिन्होंने बालकृष्ण भट्ट के मन में अध्ययन की रुचि एवं लालसा जागी इन्होंने प्रारंभ में शिक्षा संस्कृत का अध्ययन 1867 में प्रज्ञा के मिशन स्कूल सेंटेंस की परीक्षा दिए वृद्धि की बात किया जाए तो 1869 से से 1875 तक प्रज्ञा के मिशन स्कूल में अध्यापन किया 1885 में प्रज्ञा की कव स्कूल में संस्कृत का अध्यापन किया 1888 में प्रज्ञा की कायस्थ पाठशाला इंटर कॉलेज में अध्यापन नियुक्त किया किंतु उग्र सहयोग के कारण नौकरी भी छोड़ना पड़ा उसके बाद भी लेखन कार्य पर ही निर्भर रहे इन्होंने कई रचनात्मक सक्रियता भारतेंदु हरिश्चंद्र की प्रेरणा से हिंदी वृद्धि सभा प्रज्ञा की ओर से 1867 में हिंदी प्रदीप नामक मासिक पत्र निकालना प्रारंभ किया बालकृष्ण भट्ट जी की कई महत्वपूर्ण रचनाएं उपन्यास है जैसे रहस्य कथा नूतन ब्रह्मचारी 100 वजन एक सुजान गुप्त वेरी रसातल यात्रा हमारे घड़ी सदा भाव का अभाव इनका महत्वपूर्ण नाटक भी है पद्मावती वाणी शहर शिशुपाल वध एक रोगी और एक बात रेल का विकेट खेल बाल विवाह आदि जैसे हैं इनका प्रश्न की बात किया जाए तो जैसा काम वैसा परिणाम नई रोशनी का विश्व आचार्य वृंदावन आदि 1000 के आसपास इन्होंने निबंध लिखा जिसमें से 100 से ऊपर बहुत महत्वपूर्ण बात निबंध वाला का नाम दो करो में एक संग्रह प्रकाशित है बालकृष्ण भट्ट आधुनिक हिंदी के गद्य के आदि निर्माता और नायक रचनाकारों मेक है बालकृष्ण भट्ट भारतेंदु युग के प्रमुख साहित्यकारों में से एक है वह हिंदी के प्रारंभिक युग के प्रमुख और महान पत्रकार निबंधकार तथा हिंदी की आधुनिक आलोचना के परिवर्तनों में अग्रणी है बालकृष्ण भट्ट आधुनिक हिंदी साहित्य को अपने प्रतिभाशाली जैन धर्म में व्यक्तित्व और लेखन से एक नवीन धरातल नवीन दिशा और नया रूप और मानस दिया इसके साथ ही भारतेंदु युग के दो तीन प्रमुख साहित्यकारों में एक जिनके अनूरेबल लेखन से भारतेंदु कल्पना और मनोरंजन की वस्तु नहीं है बालकृष्ण भट्ट गद्दार थे अपनी अभिरुचि मानस और प्रतिभा से परिवेश और अर्थात से संपूर्ण रखने वाले लेखक पत्रकार थे बालकृष्ण भट्ट जी के लेखन में आंतरिक दृढ़ता तेज और तेवर बनकर उभरता है बालकृष्ण भट्ट जी ने हिंदी प्रदीप में पूरे अधूरे अनेक उपन्यास लिखे हैं नाटक और प्रश्न लिखे किंतु निबंध बनाकर भरता है उन्होंने बाल विवाह स्त्री शिक्षा महिला स्वतंत्रता राजा प्रजा एवं अंग्रेजी शिक्षा विषय पर खूब लिखा है बातचीत शिक्षक निबंध उनके निबंधकार व्यक्तित्व और निबंध माला के साथ-साथ भाषा शैली की भी प्रतिनिधित्व करता है बालकृष्ण भट्ट जी के बारे में और भी जानिए नीचे दिए गए पैराग्राफ।
बातचीत पाठ में सभी स्वीकार करेंगे की अनेक प्रकार की शक्तियां है जो वरदान की भांति ईश्वर ने मनुष्य को दी है बातचीत पाठ में कहा गया है उनमें भाग शक्ति भी एक है क्योंकि मनुष्य की और इंद्रियों अपनी-अपनी शक्तियों में अभिकल रहती है वह शक्ति मनुष्य में ना होती तो हम नहीं जानते कि इस गूंगी सृष्टि का अभी तक क्या हाल होता सब दूसरी दूसरी इंद्रियों के द्वारा करते वाक होने का कारण आपस में एक दूसरे से कुछ ना कुछ सुन सकते इस बात शक्ति में अनेक फायदे में स्विच वृत्त और बातचीत दोनों है बातचीत का ढंग ही निराला है बातचीत में वक्त को नाच नखरा जाहिर करने का मौका नहीं दिया जाता है बड़े अंदाज से गिन गिन कर पाओ रखता है इस पाठ में कहा गया है जहां आदमी अपनी जिंदगी मजेदार बनाने के लिए खाने-पीने चलने फिरने आदि की जरूरत है वहां बातचीत भी अत्यंत आवश्यक है क्योंकि मनुष्य में जो कुछ मवाद या धुआं जमा रहता है वह बातचीत के जरिए वह बंद कर निकल पड़ता है सेट हल्का और सुरक्षा हो परम आनंद में मग्न हो जाता है बातचीत का भी एक खास तरह का मजा होता है क्योंकि बातचीत करने की लत पड़ जाती है तो फिर इसके पीछे खाना पीना भी लोग छोड़ बैठते हैंबातचीत की सीमा में दो से लेकर वहां तक रखी जा सकती है जहां तक उनकी जमानत मीटिंग या सभा न समझ लिया जाए एडिशन का मत है कि असल बातचीत सिर्फ दो व्यक्तियों में हो सकती है जिसका तात्पर्य है कि जब दो आदमी होते हैं तभी अपना दिल एक दूसरे के सामने खोलते हैं जब तीन हुए तब वह दो की बात को शुद्ध चली गई कहां भी गया है कि 6 कानों में पड़ी बात खुल जाती है दूसरे की तीसरी आदमी के आते हैं इस पाठ में मुख्य रूप से बातचीत शैली को ही दर्शाया गया है बातचीत का उत्तम तरीका क्या है असल बातचीत कितने लोगों के बीच हो सकता है इसमें कहा गया है की सबसे उत्तम प्रकार बातचीत करने का ही है हम यह समझते हैं कि हम वह शक्ति अपने में पैदा कर सके हमारे भीतर मनोवृति परीक्षण नया रंग दिखाया करती है बातचीत करने का यह साधन यवत साधनों का मूल शक्ति परम पूज्य मंदिर है परमार्थ का एक मात्र छुपाना है और जीवन में बातचीत बहुत जरूरी है असल बातचीत सिर्फ दो लोगों के बीच ही हो सकती है।
12th Hindi Batchit Balkrishna Bhatt Objective
बालकृष्ण भट्ट जी के द्वारा लिखा गया बातचीत पाठ का वस्तुनिष्ठ प्रश्न इस आर्टिकल के नीचे दिया गया है जो परीक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण होगा।
Q. बातचीत पाठ के लेखक कौन है?
उत्तर : बातचीत पाठ के लेखक बालकृष्ण भट्ट जी हैं।
Q. बालकृष्ण भट्ट जी का जन्म कब हुआ था?
उत्तर : बालकृष्ण भट्ट जी का जन्म 23 जून 1844 को हुआ था।
Q. बालकृष्ण भट्ट जी का निधन कब हुआ था?
उत्तर : बालकृष्ण भट्ट जी का निधन 20 जुलाई 1914 को हुआ था
Q. बालकृष्ण भट्ट का निवास स्थान कहां है।
उत्तर : बालकृष्ण भट्ट जी का निवास स्थान इलाहाबाद का उत्तर प्रदेश है।
Q. बालकृष्ण भट्ट के माता का क्या नाम था ?
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उत्तर : बालकृष्ण भट्ट की माता का नाम पार्वती देवी था।
Q. बालकृष्ण भट्ट के पिता का नाम क्या था?
उत्तर : बालकृष्ण भट्ट के पिता का नाम बेनी प्रसाद भट्ट था।
Q बालकृष्ण भट्ट प्रयाग के मिशन स्कूल से एंट्रेंस की परीक्षा कब दी थी?
उत्तर : बालकृष्ण भट्ट प्रारंभ में संस्कृत का अध्ययन 1867 में प्रयाग के मिशन स्कूल से एंट्रेंस की परीक्षा दी थी।
Q. किस स्वभाव के कारण नौकरी छोड़नी पड़ी बालकृष्ण भट्ट जी को?
उत्तर : उग्र स्वभाव के कारण बालकृष्ण भट्ट जी को नौकरी छोड़नी पड़ी।
Q. बालकृष्ण भट्ट प्रयाग में संस्कृत विषय कब पटाया?
उत्तर : बालकृष्ण भट्ट प्रयाग में संस्कृत विषय 1885 में पढ़ाई थे।
Q. किस स्कूल में बालकृष्ण भट्ट ने संस्कृत का अध्ययन किया था ?
उत्तर : सी ए वी स्कूल में।
Q. बालकृष्ण भट्ट प्रयाग मिशन में कब से कब तक पढ़ाया?
उत्तर : 1869 से 1885 तक।
Q. बालकृष्ण भट्ट कितने निबंध लिखें?
उत्तर : बालकृष्ण भट्ट 1000 के आसपास निबंध लिखे हैं जिसमें 100 महत्वपूर्ण निबंध है।
Q. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने निबंधकार के रूप में किस अंग्रेजी साहित्य के एडिशन और स्टील की श्रेणी में रखा है?
उत्तर : बालकृष्ण भट्ट जी को।
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