7वां वेतन आयोग: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। सरकार द्वारा फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में भारी वृद्धि हो सकती है। यह कदम न केवल कर्मचारियों के वेतन को बढ़ाएगा, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगा। मौजूदा समय में महंगाई के बढ़ते दबाव और खर्चों को देखते हुए, यह निर्णय कर्मचारियों के लिए एक राहत भरी खबर हो सकती है।
क्या है 7th Pay Commission फिटमेंट फैक्टर और इसका महत्व?
फिटमेंट फैक्टर एक ऐसा गुणांक है, जिसके जरिए सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन तय की जाती है। इसे कर्मचारियों के बेसिक वेतन पर लागू किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी कुल सैलरी में वृद्धि होती है। फिलहाल, केंद्रीय कर्मचारियों के लिए फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। इसका मतलब यह है कि उनके बेसिक वेतन को 2.57 से गुणा करके कुल वेतन निकाला जाता है। अगर यह बढ़कर 2.86 हो जाता है, तो कर्मचारियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है।
7th Pay Commission से सैलरी में कितनी होगी वृद्धि?
अगर सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 2.86 करती है, तो केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 51,451 रुपये तक पहुंच सकती है। अभी न्यूनतम बेसिक वेतन 18,000 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 26,000 रुपये किए जाने की मांग की जा रही है। इस बदलाव से कर्मचारियों की कुल सैलरी में लगभग 35,000 रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
महंगाई और फिटमेंट फैक्टर की मांग
देश में लगातार बढ़ती महंगाई ने आम लोगों के बजट पर गहरा असर डाला है। खासतौर पर सरकारी कर्मचारियों के लिए, महंगाई भत्ता (DA) की मामूली वृद्धि उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। नेशनल काउंसिल ऑफ जूनियर सिविल सर्वेंट्स (NC-JCM) के प्रतिनिधियों ने सरकार से फिटमेंट फैक्टर को 2.86 तक बढ़ाने की मांग की है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन आंतरिक चर्चा के दौरान इसे मंजूरी मिलने की संभावना जताई जा रही है।
7th Pay Commission से पहले पिछले वेतन आयोग में हुआ था बदलाव
7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को 2.57 किया गया था, जिससे कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 7,000 रुपये से बढ़कर 17,900 रुपये हो गई थी। हालांकि, मौजूदा समय में बढ़ती महंगाई और आर्थिक दबावों को देखते हुए, यह वृद्धि अब अपर्याप्त लगने लगी है। यही वजह है कि कर्मचारी और उनके संगठन अब 2.86 का फिटमेंट फैक्टर लागू करने की मांग कर रहे हैं।
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7th Pay Commission के साथ-साथ 8वें वेतन आयोग की चर्चा
फिटमेंट फैक्टर के अलावा, कर्मचारियों के बीच 8वें वेतन आयोग की मांग भी उठ रही है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार 2025 से पहले इसे लागू करने पर विचार नहीं करेगी। इसके बावजूद, फिटमेंट फैक्टर में संभावित वृद्धि से कर्मचारियों को फिलहाल राहत मिल सकती है।
फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोतरी का असर
अगर सरकार फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाती है, तो इसका सीधा असर करोड़ों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों पर पड़ेगा। न केवल उनकी सैलरी बढ़ेगी, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिरता में भी सुधार होगा। इसके अलावा, महंगाई के कारण जो वित्तीय दबाव उन पर था, वह भी काफी हद तक कम हो जाएगा।
निष्कर्ष
सातवां वेतन आयोग से फिटमेंट फैक्टर में संभावित बढ़ोतरी से केंद्रीय कर्मचारियों के जीवन में बड़ा बदलाव आ सकता है। यह न केवल उनकी सैलरी में वृद्धि करेगा, बल्कि उनकी क्रय शक्ति को भी बढ़ाएगा। हालांकि, सरकार की ओर से इस पर अभी कोई आधिकारिक निर्णय नहीं आया है, लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इस पर सकारात्मक घोषणा की जाएगी। ऐसे में कर्मचारियों के लिए यह एक राहत भरी खबर साबित हो सकती है।
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