ड्रैगन फ्रूट व्यवसाय विचार: यदि आप खेती करते हैं या खेती करना पसंद करते हैं तो भारत सरकार के द्वारा ड्रैगन फ्रूट की खेती करने परकाफी अच्छी सरकारी सहायताप्रदान करने वाली है। भारत में ड्रैगन फ्रूट की खेती तेजी से लोकप्रिय हो रही है, और यह किसानों के लिए एक अच्छा आर्थिक अवसर साबित हो सकता है। इस फल के पोषक तत्वों और फाइबर से भरपूर गुणों के कारण इसकी मांग बढ़ रही है। हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान की गई सब्सिडी के माध्यम से इस फसल की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों को इस लाभकारी व्यवसाय में भाग लेने का प्रोत्साहन मिल रहा है।
Dragon Fruit Business के लिए सरकारी सहायता
हरियाणा सरकार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष सब्सिडी योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसान 10 एकड़ तक की भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए प्रति एकड़ 1,20,000 रुपये तक की सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। इसमें 70,000 रुपये ट्रेलिंग सिस्टम के लिए और 50,000 रुपये ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगाने के लिए शामिल हैं। इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को “मेरी फसल-मेरा ब्यौरा” पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड जैसे अन्य राज्यों में भी ड्रैगन फ्रूट की खेती में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बाजार में इस फल की मांग अधिक है, जिससे यह किसानों के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गया है।
Dragon Fruit Business से वित्तीय लाभ
ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकती है। इस फल की खेती से किसान प्रति एकड़ सालाना 8 से 10 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। यदि कोई किसान दो एकड़ में इस फसल की खेती करता है, तो उसकी आय 20 लाख रुपये तक हो सकती है। शुरुआती लागत लगभग 4 से 5 लाख रुपये प्रति एकड़ हो सकती है, लेकिन इस फसल की उम्र लंबी होती है और इसे 20 साल तक उगाया जा सकता है।
ड्रैगन फ्रूट को कम बारिश की आवश्यकता होती है और यह खराब मिट्टी की स्थिति में भी अच्छा पनप सकता है। इस फसल को अधिक धूप की जरूरत नहीं होती, लेकिन इसे छाया की जरूरत होती है, इसलिए पौधों के ऊपर शेड लगाना फसल के सही विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
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ड्रैगन फ्रूट के अनोखे गुण
ड्रैगन फ्रूट को औषधीय गुणों के कारण “चमत्कारी फल” के रूप में जाना जाता है। यह फल दक्षिणी मैक्सिको और मध्य अमेरिका का मूल निवासी है और इसे भारत में संस्कृत शब्द ‘कमल’ से कमलम के नाम से जाना जाता है। इसके छिलके पर मौजूद ब्रैक्ट्स या स्केल्स के कारण इस फल का स्वरूप एक पौराणिक ड्रैगन जैसा दिखता है, जो इसकी लोकप्रियता और नामकरण में योगदान करता है।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार की यह पहल भारत में ड्रैगन फ्रूट का व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस बिजनेस में रुचि रखने वाले किसानों को सब्सिडी के लिए आवेदन करने के तरीके की जानकारी बागवानी विभाग की वेबसाइट पर मिल सकती है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को उच्च मूल्य वाली फसलों से परिचित कराना और कृषि विविधता के साथ उनकी वित्तीय स्थिरता को बढ़ाना है। ड्रैगन फ्रूट की खेती एक लाभकारी अवसर प्रदान करती है, जिससे किसान न केवल अपनी आय बढ़ा सकते हैं बल्कि कृषि क्षेत्र में नवाचार भी ला सकते हैं।
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