केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के द्वारा जरिए चलाई जा रही ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना’ (PMBJP) बिहार के कई जिलों में गरीब लोगो के इलाज में जरूरतमंद लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत कैमूर और छपरा जैसे पिछड़े और गरीब जिलों में जन औषधि केंद्रों से सस्ती और अच्छी क़्वलटी जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे लोगों का इलाज का खर्च काफी कम हो गया है।
बिहार के कैमूर और छपरा जिले में मिल रही सस्ती दवाएं
बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया अनुमंडल अस्पताल में संचालित जन औषधि केंद्र में लगभग 350 प्रकार की दवाएं बेहद सस्ती दामों पर उपलब्ध हैं। केंद्र के संचालक सोनू मिश्रा ने बताया कि हमारे केंद्र पर वर्तमान में सभी ३५० दवाएं उपलब्ध हैं इस पहल से गरीबों को काफी फायदा हो रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस योजना के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि यहां से मिलने वाली सभी दवाएं कारगर और भरोसेमंद हैं।
वहीं बिहार के छपरा जिले में भी इस योजना का लोग फायदा उठा रहे है। बिहार के छपरा में ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना’ के तहत शहर में बने जन औषधि केंद्र आम लोगों का वित्तीय भार काफी कम कर रहा है केंद्र सरकार की इस योजना की लोगो ने काफी सराहना की है. इसके अंतर्गत सभी वर्ग के लोगों को सस्ते दर में जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध हो रही हैं, और सभी को अपने इलाज के खर्चे में रहत मिल रही है।
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बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में की थी इस योजना का एलान
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र ‘मोदी की गारंटी’ में जन औषधि केंद्रों के विस्तार करने का ऐलान किया था, और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 2026 तक देशभर में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। हालांकि, अभी भी कई लोगों को इस योजना की जानकारी नहीं है। इसलिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। जन औषधि केंद्रों का विस्तार न केवल गरीबों को आर्थिक राहत दे रहा है, बल्कि स्वस्थ और सशक्त भारत के निर्माण में भी योगदान दे रहा है।