PM Kisan Nidhi: भारत में किसानों के कल्याण के लिए कई योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, और अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Nidhi) को लेकर एक महत्वपूर्ण सिफारिश की गई है। संसद की कृषि संबंधी स्थायी समिति ने इस योजना की वार्षिक राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की सिफारिश की है। इसके अलावा, किसानों की स्थिति और उनकी मदद के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण सिफारिशें भी की गई हैं। आइए जानते हैं इस रिपोर्ट में क्या विशेष बातें कही गई हैं।
PM Kisan Nidhi की राशि बढ़ाने की सिफारिश
कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी स्थायी समिति ने इस सुझाव को संसद में प्रस्तुत किया। समिति का मानना है कि किसानों के लिए PM Kisan Nidhi योजना का लाभ बढ़ाना चाहिए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके। रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक किसानों को सालाना 6,000 रुपये की मदद मिल रही थी, जिसे बढ़ाकर 12,000 रुपये करने की आवश्यकता है।
कृषि मंत्रालय का नाम बदलने की सिफारिश
समिति ने यह भी सिफारिश की है कि कृषि और किसान कल्याण विभाग का नाम बदलकर कृषि, किसान और कृषि मजदूर कल्याण विभाग किया जाए, ताकि कृषि मजदूरों की भूमिका को भी पहचाना जा सके। कृषि मजदूरों की स्थिति को सुधारने के लिए यह कदम उठाने की आवश्यकता है।
MSP को कानूनी दर्जा देने की जरूरत
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर भी समिति ने चिंता जताई है। रिपोर्ट में कहा गया कि MSP का सही तरीके से लागू होना कृषि सुधार और किसानों के कल्याण के लिए बेहद जरूरी है। समिति का सुझाव है कि कानूनी रूप से बाध्यकारी MSP लागू किया जाए, ताकि किसानों को बाजार में उतार-चढ़ाव से सुरक्षा मिल सके। इससे कर्ज के बोझ में भी राहत मिलेगी और किसानों के आत्महत्या की समस्या में कमी आ सकती है।
छोटे किसानों के लिए अनिवार्य फसल बीमा
समिति ने छोटे किसानों के लिए अनिवार्य फसल बीमा की सिफारिश की है। विशेष रूप से, दो हेक्टेयर तक की भूमि वाले किसानों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के तहत फसल बीमा का लाभ मिलना चाहिए। इससे छोटे किसानों को आपदाओं और फसल की विफलता से होने वाली आर्थिक हानि से बचाया जा सकता है।
कृषि मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन आयोग
समिति ने कृषि मजदूरों के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम जीवनयापन वेतन आयोग के गठन की सिफारिश की है। यह आयोग कृषि मजदूरों को उनके अधिकार दिलाने के लिए कार्य करेगा, ताकि उनका जीवन स्तर सुधार सके और उन्हें उचित वेतन मिल सके।
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PM Kisan के तहत किसानों के कर्ज माफी की योजना
समिति ने कृषि संकट और किसानों की बढ़ती आत्महत्या के मामलों को देखते हुए केंद्र से किसानों और कृषि मजदूरों के लिए कर्ज माफी योजना शुरू करने की मांग की है। यह योजना किसानों के आर्थिक दबाव को कम करने में मदद करेगी।
कृषि विभाग के बजट पर चिंता
समिति ने कृषि विभाग के बजट आवंटन को लेकर भी चिंता जताई है। 2021-22 से 2024-25 तक कुल बजट में वृद्धि के बावजूद, कृषि और किसान कल्याण विभाग का हिस्सा केंद्र की कुल योजना खर्च में घटकर 2.54 प्रतिशत हो गया है। समिति ने कृषि क्षेत्र के बजट में और वृद्धि करने की सिफारिश की है ताकि उत्पादकता में सुधार हो सके।
PM Kisan के पूंजीगत कार्यों के लिए बजट का सही उपयोग
समिति ने कृषि विभाग के पूंजीगत कार्यों के लिए आवंटित बजट में कमी पर भी चिंता जताई है। 2023-24 में 10.41 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जिसे बाद में घटाकर 9.96 करोड़ रुपये कर दिया गया। समिति ने कहा कि इस बजट का सही तरीके से उपयोग किया जाए, ताकि कृषि क्षेत्र में सुधार हो सके।
सिफारिश | विवरण |
PM Kisan Nidhi की राशि में वृद्धि | योजना की वार्षिक राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करना चाहिए |
MSP का कानूनी दर्जा | MSP को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाना चाहिए |
छोटे किसानों के लिए फसल बीमा | दो हेक्टेयर तक के किसानों के लिए अनिवार्य फसल बीमा लागू किया जाए |
कृषि मजदूरों के लिए न्यूनतम वेतन आयोग | कृषि मजदूरों के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम जीवनयापन वेतन आयोग का गठन |
किसानों के कर्ज माफी | किसानों और कृषि मजदूरों के लिए कर्ज माफी योजना शुरू की जाए |
निष्कर्ष
पीएम किसान केअलावा संसदीय समिति की ये सिफारिशें किसानों और कृषि मजदूरों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकती हैं। इन सिफारिशों को लागू करके न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी सुधार होगा। उम्मीद की जाती है कि सरकार इन सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी और जल्दी ही उचित कदम उठाएगी।
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